भर्जा जेब जनाब की, जब प्लाट का विचार |सर्वश्रेष्ठ वह प्लाट है , जो हो वर्गाकार ।।जो हो वर्गाकार, नब्बे-नब्बे के कोण |विकर्ण रहे समान, ढ़ाल हो ईशान कोण ||कह `वाणी´ कविराज , चार पथ उतारे कर्जा ||नो पीढ़ी आराम ,स्वत: सब खुशियाँ भार्जा
भावार्थ : जब आपकी आर्थिक स्थिति ऐसी सुदृढ़ हो जावे कि ठसा-ठस भरी हुई जेबों में से यदा-कदा कागज के कुछ विशेष रंगीन टुकड़े स्वत: हवा में उड़ने लगें, तब तुम्हें सर्वश्रेष्ठ वगाZकार प्लाट खरीदने का सुविचार करना चाहिए। यदि प्लाट के चारों कोण समकोण, दोनों विकर्ण समान और भूमि का ढलान ईशान कोण की ओर हो तो सोने में सुहागा है।
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5 टिप्पणियां:
ऐसे प्लॉट आजकल मिलते कहाँ हैं महानगरों में ...
सही कहा लेकिन अब ऐसे प्लाट बहुत कम हैं....और जो हैं वह दौगुने महँगे...
सही और सार्थक प्रस्तुती लेकिन ये बिल्डर माफिया ने आम लोगों के लिए कुछ भी नहीं छोड़ा है |
आप सब की समस्याए एक जेसी हे मगर क्या किया जाये जो अच्छा हे वो अच्छा हे
फिर भी हमारी कोशिस मे कोई कमी नहीं रहनी चाहिए
शेखर कुमावत
इस महंगाई के ज़माने में प्लाट का भाव बढ़ते ही जा रहा है और ऐसे प्लाट मिलना बहुत कठिन है! उम्दा प्रस्तुती!
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